शिक्षक दिवस

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5 सितंबर को ही क्यों शिक्षक दिवस मनाया जाता है?

International Teachers Day 5 अक्टूबर को होता है.

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

इस श्लोक का अर्थ है ,

गुरु को ब्रह्मा (निर्माता) माना जाता है क्योंकि वे आप में परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू करते हैं और आपको सही दिशा में ले जाते हैं। गुरु को विष्णु (रक्षक) माना जाता है क्योंकि वह आपको दुनिया के नकारात्मक प्रभाव से बचाता है और आपकी प्रगति में मदद करता है। गुरु को शिव (विध्वंसक) माना जाता है क्योंकि वे हमारे कष्ट  को नष्ट कर देते हैं और वहाँ से कर्म बंध हटाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। एक वास्तविक आत्मा के रूप में, गुरु परम ब्रह्म का अवतार है।

  शिक्षक या गुरु का जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान होता है. इस दिन को सम्पूर्ण भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है.जीवन में सफल होने के लिए शिक्षा सबसे ज्यादा जरुरी है. शिक्षक देश के भविष्य के निर्माता हैं. प्राचीन काल से ही गुरुओं का हमारे जीवन में बड़ा योगदान रहा है. गुरुओं से प्राप्त ज्ञान और मार्गदर्शन से ही हम सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं. शिक्षक दिवस पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में सम्पूर्ण भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है. वह एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपती तथा दूसरे राष्ट्रपति थे

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय

जन्म –5 सितंबर 1888 में तमिलनाडु के तिरुतनी गॉव में एक गरीब परिवार में हुआ था. आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद पढाई-लिखाई में उनकी काफी रुची थी.

आरंभिक शिक्षा :-इनकी तिरूवल्लुर के गौड़ी स्कूल और तिरूपति मिशन स्कूल में हुई थी. फिर मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से उन्होंने अपनी पढाई पूरी की थी. 1916 में उन्होंने दर्शन शास्त्र में एम.ए. किया और मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में इसी विषय के सहायक प्राध्यापक का पद संभाला.

विवाह16 वर्ष की आयु में उनका विवाह 1903 में सिवाकामु के साथ हो गया था.

किताब :- The Philosophy of Rabindranath Tagore नाम की किताब भी लिखी|

सम्मान :-वर्ष 1954 में शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए उन्हें 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया| उनका कहना था कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए. वह पढ़ाने से ज्यादा छात्रों के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे| सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। राजनीति में आने से पहले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक सम्मानित अकादमिक थे। वह कई कॉलेजों में प्रोफेसर थे।  ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय में 1936 से 1952 तक प्राध्यापक रहे। कलकत्ता विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले जॉर्ज पंचम कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में 1937 से 1941 तक कार्य किया। 1946 में युनेस्को में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 

शिक्षक दिवस को मनाने कि तिथियां अलग-अलग देशों में भिन्न हैं. यूनेस्को ने आधिकारिक रूप मेंशिक्षक दिवसको मनाने के लिए 5 अक्टूबर को चुना है. अब इसलिए 100 से अधिक देशों में यह ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.

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