नागरिकता सम्बन्धी अधिनियम (NRC,CAA,CAB and NPR)

नागरिकता (संशोधन) एक्ट, 2019 क्या है (Meaning of Citizenship Amendment Act)?

source: nrc site of goi

नागरिकता (संशोधन) बिल (Citizenship Amendment Bill) को लोकसभा ने 9 दिसम्बर 2019 को पास कर दिया था और 12 दिसम्बर को इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने साथ ही यह कानून बन गया है. अब इसका नाम नागरिकता (संशोधन) एक्ट, 2019 हो गया है.

नागरिकता (संशोधन) एक्ट, 2019 ऐसा कानून है जो कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले 6 समुदायों के अवैध शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने की बात करता है. इन 6 समुदायों में हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन शामिल हैं.

नागरिकता (संशोधन) एक्ट के उद्येश्य (Objectives of Citizenship Amendment Act)

नागरिकता (संशोधन) एक्ट का मुख्य उद्येश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले 6 समुदायों के ऐसे अवैध शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देना है जो कि दिसम्बर 31, 2014 को या इससे पहले भारत आये थे और जिनको उनके देशों में प्रताड़ित करके भगाया गया था.

NRC:राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर क्या है? (What is National Register of Citizenship (NRC)

नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC), भारतीय नागरिकों के नाम वाला रजिस्टर है. विदेशी बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने के लिए असम राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को अपडेट किया गया है. 

इन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने 1971 के बांग्लादेशी युद्ध के दौरान भारत में प्रवेश किया था. NRC के अनुसार, केवल वे व्यक्ति जो 25 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक थे या उनके पूर्वज असम के थे, उन्हें भारतीय नागरिक माना जाता है.

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के उद्देश्य ( Objectives of NRC)

असम के नागरिकों का दावा है कि बांग्लादेशी प्रवासियों ने उनके अधिकारों को लूट लिया है और वे राज्य में हो रही आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं. इसलिए इन शरणार्थियों को उनके देश वापिस भेज दिया जाना चाहिए.

अतः असम में NRC अपडेट करने का मूल उद्देश्य; प्रदेश में विदेशी नागरिकों और भारतीय नागरिकों की पहचान करना है अर्थात विदेशी घुसपेठियों को बाहर निकालना है.

क्या है CAA?
इस नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बुद्ध धर्मावलंबियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।

  1. CAA को लेकर क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं?
    नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं। पहला प्रदर्शन नॉर्थ ईस्ट में हो रहा है जो इस बात को लेकर है कि इस ऐक्ट को लागू करने से असम में बाहर के लोग आकर बसेंगे जिससे उनकी संस्कृति को खतरा है। वहीं नॉर्थ ईस्ट को छोड़ भारत के शेष हिस्से में इस बात को लेकर प्रदर्शन हो रहा है कि यह गैर-संवैधानिक है। प्रदर्शनकारियों के बीच अफवाह फैली है कि इस कानून से उनकी भारतीय नागरिकता छिन सकती है।
  2. NRC के तहत कौनकौन से डॉक्युमेंट्स वैलिड हैं?
    ध्यान रहे कि सिर्फ असम में एनआरसी लिस्ट तैयार हुई है। सरकार पूरे देश में जो एनआरसी लाने की बात कर रही है, उसके प्रावधान अभी तय नहीं हुए हैं। यह एनआरसी लाने में अभी सरकार को लंबी दूरी तय करनी पडे़गी। उसे एनआरसी का मसौदा तैयार कर संसद के दोनों सदनों से पारित करवाना होगा। फिर राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद एनआरसी ऐक्ट अस्तित्व में आएगा। हालांकि, असम की एनआरसी लिस्ट में उन्हें ही जगह दी गई जिन्होंने साबित कर दिया कि वो या उनके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आकर बस गए थे।
  3. क्या CAA का भारत के मुसलमानों पर फर्क पड़ेगा?
    गृह मंत्रालय यह पहले ही साफ कर चुका है कि CAA का भारत के किसी भी धर्म के किसी नागरिक से कोई लेना देना नहीं है। इसमें उन गैर मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में शरण ले रखी है। कानून के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए इन तीन देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी।

आइये अब NRC और CAA के बीच के अंतर को जान लेते हैं. (How NRC is different from CAA)

1. NRC, में भारत में घुसने वाले विदेशी घुसपेठियों को बाहर निकालने की बात करता है अर्थात विदेशी घुसपेठियों की नागरिकता छीनना है जबकि CAA के माध्यम से विदेशी घुसपेठियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.

2. NRC के माध्यम से उन लोगों को भारत का नागरिक माना जायेगा जो कि 24 मार्च, 1971 को या फिर इससे पहले से भारत के नागरिक हैं जबकि CAA में उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी जो कि दिसम्बर 31, 2014 को या इससे पहले भारत आये थे.

3. NRC का धर्म कोई लेना देना नहीं है अर्थात जो भी विदेशी है उसे बाहर जाना होगा, उदहारण: NRC में बंगाली हिन्दू भी विदेशी घोषित किये गये हैं, लेकिन CAA में मुस्लिमों को छोड़कर अन्य 6 समुदायों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

4. NRC मुख्य रूप से बांग्लादेश से आने वाले घुसपेठियों को बाहर निकालने के लिए लागू किया गया है जबकि CAA में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है.

5. NRC को अभी केवल असम राज्य में लागू किया गया है जबकि CAA के प्रावधान पूरे देश में लागू होंगे.

6. NRC का विरोध सभी धर्मों के लोग कर रहे हैं जबकि CAA का विरोध मुख्य रूप से मुस्लिम समुदाय के लोग कर रहे हैं. इसका कारण यह है कि NRC से सभी धर्मों के लोग प्रभावित हुए हैं जबकि CAA से केवल मुस्लिम समुदाय के विदेशियों को भारतीय नागरिकता नहीं दी जाएगी.

7. यह स्पष्ट करना बहुत जरूरी है कि नागरिकता (संशोधन) एक्ट, 2019 में यह प्रावधान नहीं है कि वर्तमान में भारत के नागरिक मुस्लिम भाइयों को विदेशी ठहरा दिया जाये. कुछ लोग यही भ्रम फैलाकर देश के सौहार्द्र को ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं.

CAB And NRC In Hindi: CAA (Citizenship Amendment Act) या नागिरकता संशोधन कानून पर देशभर में बवाल मचा है। इसका विरोध करने वाले इसे गैर-संवैधानिक बता रहे हैं जबकि सरकार का कहना है कि इसका एक भी प्रावधान संविधान के किसी भी हिस्से की किसी भी तरह से अवहेलना नहीं करता है। वहीं, इस कानून के जरिए धर्म के आधार पर भेदभाव के आरोपों पर सरकार का कहना है कि इसका किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक से कोई लेना-देना नहीं है।

हालांकि, इन उलझनों के बीच देशभर में प्रदर्शन होने लगे और कई जगहों पर इसने हिंसक रूप भी अख्तियार कर लिया था। दरअसल, कई प्रदर्शनकारियों को लगता है कि इस कानून से उनकी भारतीय नागरिकता छिन जाएगी जबकि सरकार ने कई बार साफ किया है कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, न कि नागरिकता छीनने के लिए। एक बड़ी आबादी को CAA और NRC में अंतर ठीक से नहीं पता है।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) क्या है?

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR); भारतीय नागरिकों का डेटा बेस है. इसमें नागरिकों की जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति, जन्म स्थान और राष्ट्रीयता (घोषित) आदि से संबंधित जानकारी लिखी जाती है. देश में योजनाओं को बनाने के लिए इस रजिस्टर का अधिक काम पड़ता है इसलिए सभी नागरिकों के लिए NPR में पंजीकरण कराना अनिवार्य है.

National Population Register राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई है. ऐसी माहौल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए पहल शुरू होने से लोगों के मन में बहुत विभ्रान्ति उत्पन्न हो गयी है. 

खास बातें

  1. हर नागरिक को एनपीआर में नाम दर्ज कराना होगा.
  2. नाम दर्ज कराने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी.
  3. NPR के अपडेशन के लिए एक विशेष ऐप तैयार किया गया है.

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) क्या है?(What is The National Population Register (NPR)

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR); जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति, जन्म स्थान और राष्ट्रीयता (घोषित) आदि से संबंधित भारतीय नागरिकों का एक डेटा बेस है अर्थात NPR देश के सभी नागरिकों के जनसांख्यिकी विवरणों का डेटा है. सभी नागरिकों के लिए एनपीआर में पंजीकरण और सरकार को सही विवरण बताना अनिवार्य है.वर्तमान में जारी एनपीआर अपडेट की प्रक्रिया असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जाएगी जिसे अप्रैल से सितंबर के बीच पूरा किया जायेगा.

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के उद्देश्य (Objectives of The National Population Register-NPR)

सरकार को कोई योजना बनाने से पहले यह जानना जरूरी होता कि जिन लोगों के लिए कोई योजना बनायी जा रही है उन लोगों की संख्या कितनी है, उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है, उनकी क्या आवश्यकताएं हैं और वे देश के किस राज्य में रहते हैं इत्यादि?

इस प्रकार, NPR का मूल उद्देश्य देश के नागरिकों का पूरा जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र करना है. इस एनपीआर डेटा में न केवल जनसांख्यिकीय बल्कि बायोमेट्रिक डेटा भी होगा.
इस सम्बन्ध में और स्पष्टता लाते हुए जनगणना आयोग ने कहा है कि NPR का उद्देश्य देश के प्रत्येक “सामान्य निवासी” का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है.

एनपीआर भारत में रहने वाले स्वाभाविक निवासियों का एक रजिस्टर है। इसे ग्राम पंचायत, तहसील, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। नागरिकता कानून, 1955 और सिटिजनशिप रूल्स, 2003 के प्रावधानों के तहत यह रजिस्टर तैयार होता है।

एनपीआर में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए नागरिकों को नीचे दी गई डिटेल्स देनी होगी.

-व्यक्ति का नाम
-परिवार के मुखिया से उसका संबंध
-पिता का नाम
-माता का नाम
-पति/पत्नी का नाम 
-लिंग
-जन्म तिथि
-वैवाहिक स्थिति
-जन्म स्थान
-नागरिकता
-वर्तमान पता
-पते पर रहने की अवधि
-स्थायी पता
-व्‍यवसाय
-शैक्षणिक स्थिति

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